AMBIKAPUR :मैनपाट में हाथी और घोड़े की अनोखी दोस्ती..फिर एक दिन हाथियों ने गद्दारी कर घोड़े को ही मार डाला.. जानिए पूरी खबर

अम्बिकापुर।।आपने इंसानों की दोस्ती में दगाबाजी की बात कई बार सुनी होगी। लेकिन क्या आपने कभी एक घोड़ा और हाथी की दोस्ती और बाद में गद्दारी की बात सुनी है। नहीं सुनी तो अब सुन लीजिए, पूरा मामला छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले का है। जहां एक घोड़े ने पहले जंगली हाथियों से दोस्ती कर ली, जिसके कारण हाथियों ने गांव में घुसना बंद कर दिया। इसके बाद उन्हीं हाथियों ने पैर से ‘कुचल कर उस घोड़े की जान ले ली। इसके बाद से ग्रामीण और घोड़ा मालिक शोक में डूब में गए हैं।

हाथियों के साथ जंगलों में घूमता था

दरअसल, ये पूरी कहानी अंबिकापुर जिले के छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट के कंडराजा गांव का है। यहां कंडराजा निवासी रमेश यादव ने एक घोड़ा पाला था, जिसका नाम चांदा रखा था। चांदा पिछले 6 महीनों से 9 हाथियों के दल के साथ जंगल मे घूमता रहता था। लेकिन शुक्रवार की रात अचानक जब घोड़ा हाथियों की आवाज सुनकर जंगल की ओर भागा तो फिर वह वापस नहीं लौट सका, सुबह उसकी लाश ही मिली।

चांदा की आवाज सुनकर हाथी वापस लौट जाते थे

हाथियों का यह दल कभी मैनपाट, तो कभी रायगढ जिले के जंगलों में घूमता रहता था। गांव वाले मानते हैं कि जब से चांदा की दोस्ती हाथियों से हुई थी तब से हाथी इंसानों की बस्ती में नहीं घुसते थे। अगर हाथी गांव में घुसने की कोशिश भी करते थे तो चांदा की आवाज सुनकर वो वापस लौट जाते थे। इतना ही नहीं चांदा और हाथियों के दोस्ती के किस्से दूर-दूर तक फैल गए थे। गांव के ही रहने वाले त्रिलोक चंद्र यादव बताते हैं कि चांदा के जाने के बहुत दुख है। उसके जैसा घोड़ा अब कहां मिलेगा हमें। फिलहाल चांदा की मौत के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम कराकर उसके परिजनों को सौंप दिया गया था।

लंबे समय तक याद किया जाएगा चांदा

मैनपाट के कई गांव के ग्रामीणों का तो यह भी मानना है कि काश ऐसा घोड़ा उनके गांव में भी होता तो हाथियों के हमले से भी बचा जा सकता था। ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में चांदा को अब लंबे समय तक याद किया जाएगा। दरअसल, सरगुजा संभाग और उसके उसके आस-पास के इलाकों में गजराज का मूवमेंट होता है। इसके कारण कई बार कई ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है।

9 हाथियों का दल अब भी विचरण कर रहा

इधर, वन विभाग के अनुसार कुछ रोज पहले भी हाथियों ने इस इलाके में आतंक मचाया था। इस क्षेत्र में 9 हाथियों का दल अब भी विचरण कर रह रहा है। गुरुवार को भी हाथियों ने गांव में घुसकर 2 घरों को तबाह कर दिया था। हालांकि इसके अलावा कोई और नुकसान की खबर नहीं आई थी। वन विभाग हाथियों के मूवमेंट को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने की भी बात कर रहा है।

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