छत्तीसगढ़: सड़क विकास निगम में गड़बड़ी का पर्दाफाश जानें क्या है मामला…

 

सरगुजा।। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के रसूखदार अधिकारी किसी भी कानून कायदे की परवाह नहीं करते बल्कि अपनी मनमानी से सरकार की भी फजीहत कराने में पीछे नहीं है। जिसको काम का अनुभव नहीं उसे काम देकर करोड़ों का भुगतान कर दिया जिसके खिलाफ परिवाद प्रस्तुत किया गया जिस पर मजिस्ट्रेट ने सात लोगों पर अपराध दर्ज करने के आदेश दिया है। मामला हाल ही में अंबिकापुर में 10 किलोमीटर के रिंग रोड के लिए छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम ने 70 करोड़ का टेंडर किया और उसे 94 करोड़ का भुगतान कर डाला। उपर से रिवाइज के नाम पर चार करोड़ और जिस कंट्रेक्टर को काम दिया गया, उसे कांक्रीट की सड़क बनाने का अनुभव भी नहीं था। उसने पेटी कंट्रेक्टर को काम सौंप दिया। व्यापक गड़बड़ी को देखते मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तत्कालीन एमडी, सात अधिकारियों और चार ठेकेदारों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है।

स्टीमेट एवं ड्राइंग डिजाइन के विपरीत तथा वर्क आर्डर आदेश से ज्यादा राशि का भुगतान करने तथा शासकीय राशि का गबन करने का अपराध करने के संबंध में संलग्न ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र करने हेतु धारा 156/3 के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबिकापुर के न्यायालय में 5000 पेजों के दस्तावेज के साथ अधिवक्ता डीके सोनी ने परिवाद प्रस्तुत किया गया था। जिसमें सुनवाई करते हुए रिंग रोड में संलग्न अधिकारियों और ठेकेदार जिसमे अनिल राय एमडी सीजीआरडीए, रायपुर जी एस सोलंकी, महाप्रबंधक, मानसिंह, परियोजना प्रबंधक, सचिन शर्मा,प्रबंधक वित्त, निशेस भट्ट, आहरण इव सवितरण अधिकारी, रश्मि वैश्य, उप परियोजना प्रबंधक, अभिषेक विश्वकर्मा, सहायक परियोजना प्रबंधक, सुनील कुमार पांडेय, टीम लीडर, सुशील अग्रवाल, ठेकेदार, राहुल सोनी,प्रबंधक ए आरसी टेस्टिंग दिल्ली, शंकर अग्रवाल के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन 7 जनवरी तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

प्रबंधक संचालक छग सड़क विकास निगम लिमिटेड रायपुर को अंबिकापुर रिंग रोड के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन कार्य के लिए 9757.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके उपरांत छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड रायपुर द्वारा आदेश क्रमांक 1864/सीजीआरडीसी/2017, रायपुर 21जुलाई /2017 के माध्यम से किशन एवं कंपनी 4/12 टावर, फर्स्ट फ्लोर शांति नगर रायपुर को अंबिकापुर रिंग रोड के निर्माण हेतु वर्क आर्डर जारी किया गया था उक्त है रिंग रोड को 0 किलोमीटर से 10.808 किलोमीटर तक का रोड 1 वर्ष की अवधि में निर्माण करना था, वर्क आर्डर 70,60,06,250/-रुपए स्वीकृत की गई थी। सात अधिकारियों पर अपराध दर्ज करने के आदेश अंबिकापुर शहर में 11 किलोमीटर के अधूरे रिंग रोड से भ्रष्टाचार का हाइवे निकला है। अंबिकापुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने इसे भ्रष्टाचार का मामला मानते हुए अफसरों और ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। जिन अफसरों पर आरोप है उनमें छत्तीसगढ़ राज्य सड़क विकास निगम के तत्कालीन प्रबंध संचालक अनिल राय का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। 2018 तक तैयार हो जाने वाली सड़क 2020 तक अधूरी थी। 4 अक्टूबर 2019 तक कुल 94 करोड़ 08 लाख 56हजार 752 रुपए का भुगतान हो चुका था। जबकि कंस्ट्रक्शन कंपनी को केवल 70 करोड़ 60 लाख 06 हजार 250रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति थी। आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार को 23 करोड़ 48 लाख 50 हजार 502रुपए का अधिक भुगतान किया गया।

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