कूल्हों में बेइंतहा दर्द… कोरोना के बाद लोग अब इस बीमारी का हो रहे शिकार…

हैदराबाद।। कोविड महामारी के शिकार लोगों में अब सहेत से जुड़ी एक नई समस्या देखने को मिल रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोग अब पेल्विक हिप पेन (कूल्हे का दर्द) का शिकार हो रहे हैं. इस समस्या को कोविड हिप कहा जा रहा है. तेलंगाना ऑर्थोपेडिक सर्जन एसोसिएशन (TOSA) के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. श्रीनिवास काशा ने शनिवार को संगठन के वार्षिक सम्मेलन में यह जानकारी दी।

हैदराबाद में चल रहे इस सम्मेलन में उन्होंने बताया, “नए डेटा से पता चला है कि इस सिंड्रोम से ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं, जिसमें रिएक्टिव अर्थराइटिस (गठिया) भी शामिल है. इसका दर्द आमतौर पर जांघ के सामने वाले हिस्से या कभी-कभी घुटने में भी शुरू होता है. यह कूल्हे में बदलाव आने के कारण हो सकता है, जिसे अवस्कुलर नेक्रोसिस (जब खून की कम आपूर्ति के कारण हड्डी के भाग नष्ट होने लगें) कहा जाता है. कूल्हे में दर्द और अकड़न होना, रोगी को खड़े होने और सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होना, इस समस्या के शुरुआती लक्षण हैं।

डॉ. श्रीनिवास काशा ने बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभाजन के बाद 8वीं बार यह सम्मेलन हो रहा है. इस सम्मेलन में 1000 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान तेजी से विकसित हो रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हम चीजों से बिल्कुल अनजान थे, लेकिन नई दवाओं और सर्जिकल मैथड ने हमें प्राथमिकता के आधार पर रोगियों की समस्याओं को दूर करने में मदद मिली है।

कोविड के मरीजों में बढ़ी सीने में दर्द की शिकायत

कोविड-19 के मरीजों को संक्रमण के बाद 6 महीने से एक साल तक सीने में दर्द होने का खतरा बढ़ सकता है. इतना ही नहीं उनमें हार्ट संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं. अमेरिका में इंटरमाउंटेन हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी में यह दावा किया है।

इंटरमाउंटेन हेल्थकेयर की कार्डियोवस्कुलर महामारी विज्ञानी और प्रमुख शोधकर्ता Heidi T. May का कहना है कि हमें उन रोगियों में दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है, जो कोविड पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन ऐसे मरीजों में हमने सीने में दर्द की शिकायत देखी. मरीज लंबे समय तक इस समस्या से पीड़ित रहे हैं. यह भविष्य के हार्ट संबंधी बीमारियों को बढ़ावा देने का संकेत है. यूएस में अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के 2023 वैज्ञानिक सम्मेलन में इस स्टडी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।

कोरोना के बाद हार्ट अटैक के मामले बढ़े

पिछले दिनों इंदौर के हार्ट स्पेसलिस्ट डॉ. महेंद्र चौरसिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते युवाओं की इम्युनिटी कमजोर हो रही है, जिसका नतीजा 35 साल से कम उम्र के युवाओं को ब्लड प्रेशर, डायबीटीज, लीवर और हार्ट अटैक से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उनके मुताबिक कोरोना की सेकंड वेव के मरीजों की खून की नलियां सिकुड़ गई हैं. उसमें कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिसके चलते एंडोठेलियम डैमेज हो रही हैं. ऐसा होने से मरीज में ब्लड क्लोटिंग की समस्या बढ़ जाती है, जो हार्ट अटैक का कारण बनती है।

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