सरगुजा की बेटियों ने सिविल जज परीक्षा में मारी बाजी, इनकी सक्सेस स्टोरी की हर जगह हो रही चर्चा !…
सरगुजा।। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की ओर से शुक्रवार को सिविल जज परीक्षा 2022 के परिणाम घोषित किए गए हैं. इस परीक्षा में सरगुजा की बेटियों ने परचम लहराया है. परीक्षा में अम्बिकापुर की हिमांशी सराफ ने काफी संघर्षों के बाद सफलता हासिल की है. हिमांशी ने प्रदेश में छठवां स्थान हासिल किया है. इसके साथ ही सीतापुर क्षेत्र में रहने वाली पुनीत समीक्षा खलखो और सूरजपुर के रामानुजनगर में रहने वाली आकांक्षा सिंह नेताम ने भी सिविल जज की परीक्षा में सफलता हासिल की है. एक साथ तीन बेटियों की सफलता से परिवार में हर्ष का माहौल है।
मीडिल क्लास से आती हैं हिमांशी- हिमांशी अम्बिकापुर शहर के संगम चौक की रहने वाली है. वो मीडिल क्लास फैमिली से आती हैं. उनके पिता घनश्याम सराफ और मां लेना सराफ ने आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की है. खास बात यह है कि हिमांशी ने अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है।
ऐसे हासिल किया लक्ष्य- खास बातचीत के दौरान हिमांशी सराफ ने बताया कि “12वीं तक की पढ़ाई शहर में रहकर की है. जबकि इसके बाद गुरुघासीदास विश्व विद्यालय से बीएएलएलबी की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई करने के बाद कोर्ट में इंटर्नशिप करने के दौरान एक प्रशिक्षु जज को देखकर जज बनने की प्रेरणा मिली. इसके बाद सिविल जज बनने को अपना लक्ष्य बना लिया. इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए साल 2021 से लगातार पढ़ाई करती रही. सिविल जज की पढ़ाई के लिए बिलासपुर में रहकर कोचिंग की. इसके बाद लगातार 6-8 घंटे तक पढ़ाई की. आज पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई है. जब परीक्षा के परिणाम घोषित हुए, तो उन्हें भी इस बात का विश्वास नहीं था कि वे इतनी जल्दी बड़े मुकाम पर पहुंच जाएंगे. अब उनका लक्ष्य लोगों तक न्याय पहुंचाना है.”
जिले की समीक्षा ने दूसरे प्रयास में हासिल किया 17वां रैंक- सिविल जज की परीक्षा में सरगुजा जिले के सीतापुर क्षेत्र में रहने वाली पुनीत समीक्षा खलखो ने भी सफलता हासिल की है. पुनीत समीक्षा खलखो ने साल 2022 में हुई परीक्षा में 17वां रैंक हासिल किया है. पुनीत समीक्षा खलखो भाजपा नेता प्रभात खलखो की पुत्री हैं. उन्होंने यह सफलता अपने दूसरे प्रयास में हासिल की है. समीक्षा ने बातचीत के दौरान कहा कि, ” बीए- एलएलबी के साथ ही एलएलएम की पढ़ाई की. इसके साथ ही सिविल जज की परीक्षा को लक्ष्य बनाकर अपनी तैयारी की. साल 2020 में पहली बार सिविल जज के लिए परीक्षा दी थी. प्री में पास हो गई, लेकिन मेंस क्लियर नहीं हो पाया. पहले प्रयास में सफलता नहीं मिलने पर मैंने हार नहीं माना. अपने दूसरे प्रयास में साल 2022 में परीक्षा में मैंने सफलता हासिल की.”
किसान की बेटी आकांक्षा सिंह बनी जज- सिविल जज की परीक्षा में सूरजपुर के रामानुजनगर के दूरस्थ क्षेत्र आमगांव की आकांक्षा सिंह नेताम ने भी सफलता हासिल की है. आकांक्षा के पिता हरिनंदन सिंह पेशे से किसान हैं. जबकि मां तारा सिंह शिक्षक हैं. आकांक्षा ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर सूरजपुर से की है।
जबकि उन्होंने होलीक्रॉस अंबिकापुर से बीएससी से ग्रेजुएशन हासिल किया. इस बीच पिता ने जज बनने के लिए प्रेरित किया. पिता के सहयोग के बाद आकांक्षा ने पीजी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की. इसके बाद सिविल जज की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. आकांक्षा ने बातचीत के दौरान कहा कि, “सिविल जज के लिए प्री की परीक्षा अपने दम पर पास की. उसके बाद मेंस के लिए कोचिंग का सहारा लिया. कोचिंग के साथ ही कड़ी मेहनत के बाद आकांक्षा ने सफलता हासिल की.”
बता दें कि शुक्रवार को आए परिणाम में अकांक्षा को 38वां रैंक मिला है. ग्रामीण परिवेश में रहने के बाद भी आकांक्षा सिंह नेताम के जज बनने से परिवार के सहित पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है. यानी कि इस बार सरगुजा की बेटियों ने बाजी मारी है।