ब्रेकिंग: छत्तीसगढ़ में रिश्वत लेते SDM गिरफ्तार… सहयोगी नगर सैनिक भी हिरासत में, दिव्यांग से मांगी थी इस बात की रकम..

बेमेतरा।। एंटी करप्शन ब्यूरो ने बेमेतरा जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए साजा अनुविभाग के एसडीएम टेकराम माहेश्वरी और उसके सहयोगी नगर सैनिक को रिश्वत लेते रंगे हाथ हिरासत में लिया है। दोनों एक दिव्यांग आवेदक से रकम वसूल रहे थे।

मांगे थे एक लाख रुपये

जानकारी के मुताबिक भठगांव के रहने वाले दिव्यांग शिकायतकर्ता तुकाराम पटेल ने बताया कि नगर पंचायत परपोड़ी स्थित उसकी माता के नाम पर भूमि के व्यपवर्तन (डाइवर्सन) हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये एस.डी.एम. कार्यालय साजा, जिला बेमेतरा में आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिस पर आरोपी एस.डी.एम. साजा टेकराम माहेश्वरी द्वारा 1 लाख रू0 रिश्वत की मांग की जा रही है। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।

20 हजार में बनी बात

दिव्यांग प्रार्थी ने इसकी शिकायत एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर में की थी। इस पर गंभीरता दिखाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने एसडीएम को ट्रेप करने के लिए रणनीति बनाई। वही शिकायतकर्ता को जरूरी निर्देश दिए। दिव्यांग आवेदक ने रिश्वत पर मोलभाव करते हुए एसडीएम को 20 हजार रुपये में काम के लिए सहमत कर लिया और 10 हजार रुपये एडवांस के रूप में दे दिया। वही आज तुकाराम शेष 10 हजार रुपये देने दफ्तर पहुंचा था। उसने जैसे ही अधिकारी को 10 हजार रुपये दिए एंटी करप्शन के अफसरों ने एसडीएम और उसके सहयोगी गौकरण सिंह को रंगे हाथ धर दबोचा। एंटी करप्शन द्वारा दोनों आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके निवास स्थानों की तलाशी भी ली जा रही है। प्रकरण में उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

विवादों में रहा है SDM

बता दें कि एसडीएम टेकराम माहेश्वरी पहले भी विवादों में रह चुके है। पिछले महीने ही बेमेतरा से एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में अव्यवस्थाओं के लिए धरना दे रहे छात्रों पर एसडीएम टेकराम माहेश्वरी भड़कते हुए दिखाई दे रहे थे। एसडीएम साहब को इतना गुस्सा आ गया कि वो छात्रों को जेल में डालने तक की बात कह गए थे। दरअसल छात्र कॉलेज में प्रैक्टिकल लैब की मांग कर रहे थे। इसके बाद साजा एसडीएम टेक राम महेश्वरी तो छात्रों पर ही भड़क उठे सोशल मीडिया में वीडियो भी वायरल हुआ था।

इसी महीने मिला था कारण बताओ नोटिस

गौरतलब है कि रिश्वतखोर एसडीएम को इसी महीने के शुरुआत में कलेक्टर ने कारण बताओं नोटिस भी जारी किया था। उनपर शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने और अनदेखी का आरोप था। दरअसल इसी महीने संपन्न हुए राज्योत्सव में अलग-अलग काम के लिए नोडल अफसर बनाया गया हैथा इसकी तैयारी को लेकर 2 नवंबर को बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन अन्य अफसरों समेत टेकराम माहेश्वरी भी इस महत्वपूर्ण मीटिंग में नहीं आए और न ही अनुपस्थिति के संबंध में कोई सूचना दी थी। इसके बाद उन्हें जिला कलेक्टर ने शोकॉज किया था।

 

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