रायपुर – 13 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश इस संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, मौलिक अधिकार और संविधानीक अधिकारों से वंचित है यह संघ..!!

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव के बाद चुनाव जीतकर आये सभी सरपंच अपने मौलिक अधिकार और संविधानीक अधिकारों से वंचित है प्रदेश सरपंच संघ छत्तीसगढ़ से 13 सूत्रीय मांग को लेकर दिनांक 22.08.2022 से अनिश्चित कालीन हड़ताल में सभी

जनपदों मे बैठे हुये है। प्रदेश सरपंच संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि हमारे संघ कि मांगों को प्रदेश के 20-25 सरपंचो को छोड़कर लगभग सभी 11 हजार से अधिक सरपंचो का समर्थन प्राप्त है।

अगर सरकार द्वारा सरपंचो के मांगो को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो सरपंच संघ छत्तीसगढ़ जनपदों से उठकर रायपुर में महाधरना एवं उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।

संघ की निम्न बिंदुवार मांगें हैं….

प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजनांतर्गत आवास की राशि 2 लाख रूपये वृद्धि करते हुये शीघ्र जारी किया जाये।

सरपंचो का मानदेय राशि 20000/- उप सरपचों का 10000/- एवं पंचों का मानदेय राशि 5000/- रूपये की वृद्धि की जाये।

सरपंचो का आजीवन 10000/- रूपये पेंशन दिया जाये।

छत्तीसगढ़ सरपंचों का कार्यकाल कोरोना महामारी के कारण 02 वर्ष बाधित हुआ है अतः दो वर्ष की वृद्धि की जाए।

50 लाख राशि तक के सभी कार्य में कार्य एजेंसी पंचायत को ही बनाया जाए। ठेकेदारी व्यवस्था नहीं किया जायें।

सरपंच निधि के रूप में राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक पंचायत को प्रतिवर्ष 10 लाख रूपये दिया जाना चाहिए।

नक्सलियों द्वारा सरपंच को मारे जाने पर 20 लाख रूपये मुआवजा राशि एवं परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी दिया जाना चाहिए।

15वां वित्त आयोग अनुदान राशि को जनपद व जिला सदस्यों द्वारा अपने ही क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को विकास हेतु दिया जाना अनिवार्य किया जाये।

15वां वित्त आयोग के राशि को अन्य योजनाओं के निर्माण कार्य मे अभीशरण नहीं किया जाना चाहिए।

नरेगा सामग्री भुगतान राशि हर 03 महिने के अंदर होना चाहिए।

नरेगा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए 40 प्रतिशत अग्रिम राशि प्रदान किया जाना चाहिए।

अविश्वास प्रस्ताव कि संशोधन कर जनता के हांथों में दिया जाना चाहिए।

धारा 40 मे तत्काल संशोधन किया जाना चाहिए।

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