बड़ी खबर: सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र होगी 65 साल, प्रदेश सरकार कर रही विचार…पढ़ें पूरी खबर

मध्यप्रदेश।। विधानसभा चुनाव के पहले कर्मचारियों ने राज्य सरकार से सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा बढ़ाने की मांग रख दी है। रिटायरमेंट के चलते हर माह घटती कर्मचारियों की संख्या और पदोन्नति पर रोक के चलते राज्य सरकार के सामने यह मांग कर्मचारियों रखी है। कर्मचारी महागठबंधन ने सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 65 साल करने की मांग की है। साथ ही हर वर्ग के कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने की मांग हुई है। हालाकिं मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक़ राज्य सरकार रिटायरमेंट की उम्र सीमा एक वर्ष बढ़ाने पर विचार कर रही है।

दरअसल 30 अप्रैल 2016 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एमपी लोक सेवा ( पदोन्नति ) नियम 2002 को रद्द कर दिया था। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस निर्णय के खिलाफ, एक याचिका दायर की थी, जिस पर मई 2016 में अदालत ने सुनवाई की थी। यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इसके बाद से राज्य में अधिकारियों और कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक लगी हुई है। इन साढ़े छह साल में 70 हजार से ज्यादा कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अब विभागों में पद खाली है इसलिए कर्मचारियों की सेवानिवृति उम्र सीमा बढ़ाने की मांग उठने लगी है।

राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने भी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 करने की सिफारिश की गई है। चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में पहले से ही कर्मचारियों को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करने का प्रावधान है। ऐसे में अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए भी इसी तरह का प्रावधान किया जा सकता है। बीते वर्षों में कोई नई भर्तियां नहीं हुई हैं, विभिन्न विभागों में हजारों पद रिक्त पड़े हैं। हर महीने सैकड़ों कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस पर सियासत भी होने लगी है कांग्रेस ने कर्मचारी संगठनों की मांग का समर्थन किया है तो बीजेपी ने कहा है हमारी सरकार कर्मचारी हितैषी सरकार है और उनके हित में लगातार निर्णय ले रही है।

गौरतलब है कि दिग्विजय सरकार के समय 1998 में सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 साल कर दी गई थी, उसके बाद 2018 में शिवराज सरकार ने इसे 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दिया था। अब इसे 65 करने की मांग जा रही है।

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