नए CM विष्णुदेव साय को लुक-छिपकर बधाई देने पहुंचे ये दिग्गज कांग्रेस नेता… मीडिया से भी नहीं की बात, कैमरे में हुए कैद…

रायपुर।। कुनकुरी विधायक विष्णुदेव साय प्रदेश के नए सीएम होंगे। विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी और फिर उनके नाम का ऐलान किया गया। भाजपा के दिग्गज नेता विष्णुदेव साय ने कुनकुरी से कांग्रेस के यूडी मिंज को इस बार 25 हजार से ज्यादा वोटों से परास्त किया है। साय तीन बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके है। संगठन में भी उन्हें बड़ा पद मिल चुका है। वह दो बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है।

साय की DP.. कव्हर इमेज भी बदला

छत्तीसगढ़ भाजपा में आज जश्न का माहौल है। प्रदेश का नया मुखिया के चुनाव के बाद भाजपा में भारी उत्साह देखा जा रहा है। छत्तीसगसढ़ के लिए स्व. अजीत जोगी, डॉ रमन सिंह और भुपेश बघेल के बाद बतौर सीएम विष्णुदेव चौथे नए चेहरे होंगे। भाजपा के विधायक दल के सरकार बनाने के दावे के बाद राजभवन ने भी साय को सीएम के लिए नियुक्ति पत्र सौंप दिया है। दो दिन बाद यानी 13 को विष्णुदेव साय साइंस कॉलेज मैदान में शपथ लेंगे।

बहरहाल इस बीच नए मुख्यमंत्री साय को लगातार बधाइयां मिल रही है। सोशल मीडिया से लेकर खुद उनसे मिलकर बड़े नेता उन्हें नए दायित्व की शुभकामनायें दे रहे है। डॉ रमन सिंह और भूपेश बघेल ने भी उन्हें शुभकामनायें प्रेषित की है। इसी बीच विष्णुदेव के पुराने साथी रहे और मौजूदा कांग्रेस नेता नंदकुमार साय भी सीएम साय से मिलने पहुँचे। हालाँकि इसके लिए उन्हें घंटो तक इंतज़ार भी करना पड़ा। जबकि सीएम विष्णुदेव साय से उनकी मुलाकात कुछ सेकेण्ड की ही रही। नंदकुमार ने उन्हें बधाई दे और फिर फौरन रवाना हो गए। आईबीसी 24 ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि वह कैमरे में कैद हो गए। गौरतलब है कि इसी साल नंदकुमार साय ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने संगठन पर खुद की अनदेखी और उपेक्षा का आरोप लगाया था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। तत्कालीन सरकार ने उन्हें उपकृत करते हुए सीएसआईडीसी का मुखिया भी बनाया था। हालाँकि उनकी उम्मीदों को तब धक्का लगाजब कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा का टिकट नहीं दिया।

वही विष्णुदेव साय के सीएम बनने के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी है कि आज अगर नंदकुमार भाजपा में ही होते तो सम्भवतः वह भी सीएम के बड़े दावेदार होते। पार्टी नेतृत्व उनके दशकों के इंतज़ार को ख़त्म कर प्रदेश की कमान उन्हें ही सौंप देता।

 

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