‘चौथी किश्त’ पर सवाल… विपक्ष का बवाल ! क्या किसान न्याय योजना को बंद कर रही है भाजपा सरकार?…

रायपुर।। 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया कुछ बड़े वादों पर नतीजों के बाद सत्ता में आते ही साय सरकार ने साफ कर दिया है कि वो अपने मेनिफेस्टों में किए गए एक-एक संकल्प को पूरा करेंगे। मोदी के गारंटी के तहत गरीबों के आवास पर प्रदेश सरकार प्राथमिकता से कदम बढा चुकी है। बकाया बोनस की राशि को देने की सरकार की तैयारी है लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार के राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त खटाई में पड़ गई है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश के 24 लाख से अधिक किसानों को न्याय योजना की चौथी किश्त से वंचित होना पड़ सकता है। जाहिर है इस पर प्रदेश में सियासी आरोपों की लहर उफान मार सकती है। आखिर क्यों हो रही है, न्याय की चौथी किश्त को लेकर सियासत, कौन है इसके लिए जिम्मेदार?

छत्तीसगढ़ के धान किसानों को वर्ष 2022-23 के खरीफ सीजन के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीन किश्तें मिल चुकी हैं लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद न्याय योजना की चौथी किश्त खटाई में पड़ गई है। सत्ता में आते ही साय सरकार ने साफ कर दिया है कि वो अपने मेनिफेस्टों में किए गए एक-एक संकल्प को पूरा करेंगे। मोदी की गारंटी के तहत गरीबों के आवास पर प्रदेश सरकार कदम बढा चुकी है। इसी तरह, वादे के मुताबिक 25 दिसंबर को भाजपा सरकार, पिछली रमन सरकार के वक्त का दो साल का बकाया बोनस देने की तैयारी में है लेकिन अब तक धान खरीदी के एकमुश्त भुगतान और न्याय योजना की चौथी किश्त को लेकर साय सरकार ने पत्ते नहीं खोले हैं। इस पर प्रदेश के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से किसान न्याय योजना की चौथी किश्त जारी करने और धान खरीदी का 31 सौ रुपए के हिसाब से एक मुश्त भुगतान करने की मांग की है। इसपर पूर्व मंत्री और विधायक केदार कश्यप ने पलटवार कर कहा कि, धान खरीदी पर राशि किश्तों में देकर कांग्रेस किसानों के साथ धोखा करती रही, किसानों को न्याय योजना की चौथी किश्त ना मिलने की जिम्मेदार भी कांग्रेस पार्टी है।

प्रदेश में 1 नवंबर से धान लगातार जारी है। सरकार किसकी बनेगी इसे लेकर कई किसानों ने अपना धान मंडी में नहीं बेचा। किसान इंतजार में थे कि नई सरकार आएगी और वादे के मुताबिक उन्हें लाभान्वित करेगी। किसानों को भरोसा है कि वादे के मुताबिक 25 दिसंबर को उन्हें दो साल का बकाया बोनस मिलेगा लेकिन क्या उन्हें बीते साल धान बेचने के बदले मिलने वाली न्याय योजना की चौथी किश्त नहीं मिलेगी ? इस पर संशय बना हुआ है, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है इसे लेकर पक्ष- विपक्ष में बहस का दौर चल पड़ा है।

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