Breaking स्कूल फीस न दे पाने पर बच्चों को दिनभर धूप में खड़ा रखा.. कैसी सजा, सावालों के घेरे में विभाग..? 

उत्तर प्रदेश उन्नाव, पीड़ित बच्ची ने दिया बयान उन्नाव। आज शिक्षा पूरी तरह से व्यवसाय बन गई है. एक प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक ने बच्चों की फीस जमा न होने पर उन्हें विद्यालय के बाहर धूप में पूरे दिन खड़ा रखा और पेपर भी नहीं देने दिया है. स्कूल के इस व्यवहार से बच्चे विद्यालय के बाहर खड़े होकर रोते नजर आए. उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र में बाल विद्या मंदिर नाम से एक प्राइवेट स्कूल संचालित है, जहां इस समय बच्चों की परीक्षाएं करवाई जा रही हैं. स्कूल के जिन बच्चों की फीस नहीं जमा हो पाई थी, उन पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा था. इस बेटी के आंसू उन लाखों बच्चों की संयुक्त पीड़ा बता रहे हैं जिन्हें फीस न जमा होने के कारण उपहास झेलना पड़ता है। आर्थिक तंगी बच्चों की शिक्षा में रोड़ा ना बने यह हर जिले के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है। निजी संस्थान मानवता न भूलें, शिक्षा व्यापार नहीं है। pic.twitter.com/GZL9RwSICB — Varun Gandhi (@varungandhi80) October 18, 2022 बताया जा रहा है कि जिन बच्चों की फीस नहीं जमा थी, उन्हें विद्यालय के स्टाफ द्वारा स्कूल परिसर के बाहर बिना पेपर करवाए खड़ा करवा दिया गया था. परीक्षा खत्म होने के बाद फीस न देने वाले बच्चों से पहले फीस लेकर आने को कहा गया फिर उन्हें वहां से निकाल दिया गया. इसके बाद छोटे बच्चे मायूस होकर अपने घरों को पहुंचे और अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद अभिभावक अपने बच्चों के साथ स्कूल पहुंचे और फिर उन्होंने विद्यालय के स्टाफ के व्यवहार पर सवाल खड़े किए. इस दौरान बच्चों ने रोते हुए अपने अध्यापकों द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. बच्चों ने बताया कि फीस न जमा होने पर धूप में खड़ा किया गया और परीक्षा भी नहीं देने दी. जिसके बाद उन्हें स्कूल से भगा दिया गया. वहीं पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने वीडियो ट्वीट कर कहा कि ‘इस बेटी के आंसू उन लाखों बच्चों की संयुक्त पीड़ा बता रहे हैं जिन्हें फीस न जमा होने के कारण उपहास झेलना पड़ता है. आर्थिक तंगी बच्चों की शिक्षा में रोड़ा ना बने यह हर जिले के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है. निजी संस्थान मानवता न भूलें, शिक्षा व्यापार नहीं है

Leave a Reply