CG News: छत्तीसगढ़ की शराब दुकानों में मिल रही यूपी की शराब…पढ़ें पूरी खबर

प्रतापपुर।। शराब खरीदी छत्तीसगढ़ की दुकान से और तब पता चला कि उसमें तो केवल उत्तरप्रदेश में ही बिक्री के लिए वैध लिखा हुआ है। बात प्रतापपुर की शासकीय शराब दुकान की है जो नगर पंचायत क्षेत्र में संचालित है, यहां नियमों को दरकिनार कर धड़ल्ले से उत्तरप्रदेश की शराब बेची जा रही है। बताया जा रहा है कि यहां की दुकान को चलाने वाले कर्मचारी इस खेल को लंबे समय से अंजाम दे रहे हैं जिसके कारण शासन के राजस्व को हर महीने लाखों की चपत लग रही है।

बताया गया कि शराब दुकान के कर्मचारी गैर कानूनी तरीके से उत्तरप्रदेश की शराब बेच रहे हैं क्योंकि उन्हें भलीभांति पता है कि ग्राहक आएंगे, शराब लेंगे और चले जाएंगे, अब ग्राहकों का भाला इस बात से क्या लेना-देना है कि शराब किस राज्य की है। लेकिन जब एक ग्राहक ने बोतल को ध्यान से देखा तो इसका पता चला। शराब छत्तीसगढ़ की नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश की थी। बोतल में सिर्फ उत्तर प्रदेश में बिक्री का लेबल लिखा हुआ था मतलब यह शराब केवल उत्तरप्रदेश में ही बेची जा सकती है। यहां दुकानें सरकारी हैं और शराब की एक एक बोतल सरकार की निगरानी में बिकती हैं क्योंकि शासन को इससे भारी मात्रा में टैक्स मिलता है। जानकारी मिली है कि दुकान के कर्मचारियों की साठगांठ शराब माफियाओं से है जो उत्तरप्रदेश से कम कीमत पर शराब लाकर उन्हें देते हैं कर्मचारी दुकान में आने वाले ग्राहकों को उत्तरप्रदेश की शराब पकड़ा देते हैं और जो मुनाफा होता है उसे आपस में बांट लेते हैं। बहरहाल जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार दूसरे राज्य की शराब खपाने यहां एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है जो गुपचुप तरीके से सरकारी दुकान में अवैध शराब की सप्लाई कर रहा है। यदि जिम्मेदार अधिकारियों की निगरानी में यहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली जाए तो इस बात का आसानी से पता चल जाएगा कि एक दिन में कितनी शराब की बोतलों का विक्रय किया गया।

दिखावे के लिए बार कोड का स्कैन –

बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन से अधिकृत शराब की हर बोतल में बार कोड होता है जिसे कर्मचारी को बिक्री से पहले स्केन करना होता है। इसलिए उत्तरप्रदेश की बोतलों में भी बार कोड का रेपर लगाकर उसे ग्राहकों को दिखाने मात्र के लिए स्केन करने का नाटक कर देते हैं।

अन्य राज्यों से भी आती है शराब-

यूपी के साथ अब झारखंड व मध्यप्रदेश से भी शराब लाकर प्रतापपुर क्षेत्र के कई गांवों में कोचियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर खपाई जा रही है। बताया जा रहा है कि यहां मिलने वाली कई तरह की ब्रांडेड शराब दूसरे राज्यों में कम कीमत पर मिलती है। इसलिए तगड़ा मुनाफा कमाने के लिए दूसरे राज्यों से शराब लाकर यहां बेच रहे हैं।

आबकारी विभाग की जांच पर उठ रहे सवाल-

जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग को नियमित तौर पर शराब दुकानों का निरीक्षण और स्टाक का मिलान करना होता है। वे ऐसा करते भी हैं लेकिन सवाल है कि उन्हें दुकानों में मौजूद बाहरी राज्यां की शराब क्यों दिखाई नहीं देती।

बयान-

इस मामले को लेकर सूचना मिली थी। इस पर मैंने शराब दुकान में जाकर जांच की थी पर ऐसा कुछ नहीं मिला।

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