CG News: मंत्री सिंहदेव ने GST जमा नहीं करने वालों पर कार्रवाई करने के दिए निर्देश, 2022-23 में 18,500 करोड़ रुपए कर संग्रहण का है लक्ष्य…
रायपुर।। वाणिज्यिक कर मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने सिविल लाइन स्थित वाणिज्यिक कर कार्यालय में विभागीय कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने प्रदेश में जीएसटी संग्रहण के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों पर संतोष जताया और कहा कि, इस साल भी हम कर संग्रहण का लक्ष्य पूर्ण करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर संग्रहण से राज्य का विकास जुड़ा हुआ है. अत: लक्ष्य के अनुरूप जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इसका संग्रहण करें।
वाणिज्यिक कर मंत्री सिंहदेव ने बैठक में जीएसटी संग्रहण के लंबित मामलों पर अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने जीएसटी जमा नहीं करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा. सिंहदेव ने बैठक में रिटर्न फाइलिंग, लंबित करों की वसूली, सेक्टरवाइज राजस्व वसूली, जीएसटी अधिनियम के तहत कर निर्धारण और विलंब के प्रकरणों में ब्याज वसूली की कार्रवाई तथा ऑडिट की प्रगति की भी समीक्षा की. वाणिज्यिक कर विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता, आयुक्त भीम सिंह और विशेष आयुक्त टी.एल. ध्रुव भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त भीम सिंह ने बैठक में बताया कि, चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 18 हजार 500 करोड़ रुपए कर संग्रहण का संशोधित लक्ष्य रखा गया है. चालू वित्तीय वर्ष में दिसम्बर-2022 तक 12 हजार 580 करोड़ रुपए का कर संग्रहण किया जा चुका है, जो कि कुल लक्ष्य का 68 प्रतिशत है. यह पिछले वर्ष राज्य को इसी अवधि में मिले राजस्व से करीब 25 प्रतिशत ज्यादा है. इस वर्ष 26 प्रतिशत अधिक जीएसटी और 22 प्रतिशत अधिक वेट (VAT) मिला है. इस साल अब तक 8241 करोड़ रुपए जीएसटी के रूप में और 4339 करोड़ रुपए वेट के रूप में प्राप्त हुए हैं. पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 15 हजार करोड़ रुपए के कर संग्रहण के लक्ष्य के विरूद्ध अप्रैल-2021 से दिसम्बर- 2021 के बीच दस हजार 092 करोड़ रुपए का कर संग्रह हुआ था।
बैठक में बताया गया कि, प्रदेश में इस साल पिछले वर्ष की तुलना में डीजल की खपत में दो लाख 30 हजार किलोमीटर और पेट्रोल की खपत में 53 हजार किलोलीटर की बढ़ोतरी हुई है. इनसे मिलने वाले टैक्स में भी 791 करोड़ 14 लाख रुपए की वृद्धि हुई है. अप्रैल-2021 से दिसम्बर-2021 के बीच पेट्रोल और डिजल की बिक्री से प्रदेश को 3546 करोड़ 90 लाख रुपए का राजस्व मिला था. जो इस वर्ष बढ़कर 4338 करोड़ चार लाख रुपए हो गया है. समीक्षा बैठक में वाणिज्यिक कर विभाग के अपर आयुक्त टी. आर. धुरवे, एच. एल. हिड़को और नीलिमा तिग्गा सहित सभी डिवीजन और सर्किल के अधिकारी मौजूद थे।